SIP देर से शुरू करने पर क्या होता है?

आपकी SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) जल्दी शुरू करने से आपकी रिटायरमेंट सेविंग पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है! यह दो व्यक्तियों, ऋषभ और अतुल, के बीच एक शक्तिशाली तुलना दर्शाती है, दोनों का लक्ष्य 55 साल की उम्र में रिटायर होना है।

FUTURE PLANNING

9/13/20251 min read

SIP देर से शुरू करने पर क्या होता है? ऋषभ और अतुल की कहानी से सीखें

हम सभी का एक ही सपना होता है: एक आरामदायक और सुरक्षित रिटायरमेंट। लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए कब और कैसे निवेश शुरू करना चाहिए? अक्सर लोग सोचते हैं कि जब उनके पास ज़्यादा पैसे होंगे, तब वे निवेश करेंगे। लेकिन एक छोटी सी कहानी यह साबित करती है कि समय, पैसे से ज़्यादा ज़रूरी है।

आइए, मिलते हैं ऋषभ और अतुल से। दोनों का लक्ष्य है 55 साल की उम्र में रिटायर होना।

दो अलग रास्ते, एक ही मंज़िल

ऋषभ की रणनीति:

ऋषभ ने 25 साल की उम्र से ही निवेश शुरू कर दिया। उन्होंने हर महीने ₹15,000 की SIP शुरू की और हर साल इसमें 5% की बढ़ोतरी (step-up) करते रहे। इस तरह, उन्होंने अगले 30 सालों तक लगातार निवेश किया।

अतुल की रणनीति:

अतुल ने निवेश के लिए 10 साल इंतज़ार किया और 35 साल की उम्र में SIP शुरू की। उन्होंने ऋषभ से ज़्यादा, ₹20,000 हर महीने निवेश करना शुरू किया और हर साल इसमें 10% की बढ़ोतरी (step-up) भी की। उनका निवेश का समय केवल 20 साल रहा।

परिणाम देखकर आप हैरान रह जाएंगे!

दोनों की मेहनत और निवेश की लगन शानदार थी, लेकिन उनके अंतिम परिणाम में ज़मीन-आसमान का फ़र्क था।

ऋषभ ने 30 साल बाद ₹7 करोड़ का विशाल कॉर्पस जमा किया।

अतुल केवल ₹3.72 करोड़ ही जमा कर पाए।

यह देखकर हैरानी होती है, है ना? अतुल ने हर महीने ज़्यादा पैसे निवेश किए और उनकी सालाना बढ़ोतरी भी ज़्यादा थी, फिर भी उन्हें ऋषभ से लगभग आधे पैसे ही मिल पाए।

कंपाउंडिंग का जादू: समय की शक्ति

यह कोई जादू नहीं, बल्कि कंपाउंडिंग की शक्ति है। ऋषभ ने 10 साल पहले निवेश शुरू किया था। इन 10 सालों में, उनका पैसा सिर्फ बढ़ता ही नहीं रहा, बल्कि उनके कमाए हुए मुनाफे पर भी और मुनाफा बनता गया। इसे ही कंपाउंडिंग कहते हैं।

जबकि अतुल ने ज़्यादा पैसे लगाए, उनके पैसे को बढ़ने के लिए कम समय मिला। इसी कारण से, समय के इस फ़र्क ने उनके अंतिम कॉर्पस में इतना बड़ा अंतर पैदा कर दिया।

निवेशकों के लिए सबक

इस कहानी से हम कुछ ज़रूरी बातें सीख सकते हैं:

जल्दी शुरुआत करें: निवेश करने के लिए "सही समय" का इंतज़ार न करें। जितनी जल्दी हो सके, अपनी कमाई का एक छोटा हिस्सा ही सही, SIP में डालना शुरू कर दें।

समय ही सबसे बड़ा दोस्त है: शेयर बाज़ार में समय आपके सबसे बड़े दोस्त की तरह काम करता है। यह आपके निवेश को बढ़ने का पूरा मौका देता है।

SIP में बढ़ोतरी ज़रूर करें: अपनी सैलरी बढ़ने के साथ-साथ, अपनी SIP की रकम भी बढ़ाते जाएं। इसे "स्टेप-अप SIP" कहते हैं। इससे आपका लक्ष्य जल्दी हासिल होता है।

तो, अगली बार जब आप निवेश के बारे में सोचें, तो याद रखें कि सिर्फ़ कितनी रकम निवेश की, यह ज़रूरी नहीं है। सबसे ज़रूरी है कि आपने कब शुरुआत की।

अस्वीकरण (Disclaimer): म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं। निवेश करने से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।